उज्जैन कलेक्टर बने ज़मीदार

🌴 करोड़ों की जमीन पर भूमाफियाओं की नजर है और जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है की तर्ज पर कुछ लोगों ने साठ गांठ पूर्वक जमीनों को अपने नाम तो करवा लिया था लेकिन जो  सच है वह जमीन में गढ़े होने के बाद भी सुरक्षित रहता है ।।।🔆।।ऐसा ही एक मामला उज्जैन में आया है जिसमें तीन दिन तक उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को लेकर चर्चा बनी रही कि ,,,,उन पर जमीन के मामले में अवमानना का केस हो गया है ,,,,🍍,,बावजूद इसके बाबा महाकाल की कृपा से उज्जैन कलेक्टर नीरज सिह डटे रहे और अपने समुचित दस्तावेज समेत अपनी बात माननीय न्यायालय के समक्ष रखी जिसमें हाल फिलहाल 300 करोड़ से अधिक की जमीनों के जिला कलेक्टर जमीदार हो गए हैं🍍 जो की सरकारी  खजाने की  और भी शोभा बढ़ा रही है है।।  ✅उज्जैन। कोठीमहल की अरबों की शासकीय भूमि को लेकर अवमानना के मामले में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर की डबल बेंच ने  अपीलीय आवेदन स्वीकार करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया है। माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा भी मिसलेनियस पिटीशन में पारित आदेश के विरुद्ध भी शासन पक्ष ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में SLP दायर की गई✅ जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया गया है। जिससे जिला प्रशासन उज्जैन को बड़ी राहत मिली हैं।☘️☘️☘️☘️
✅उज्जैन जिले अंतर्गत तहसील कोठीमहल की ग्राम नानाखेड़ा स्थित भूमि सर्वे नंबर 99/5,100,101,106/1,108, 109/1,109/2,109/3,110, 111/1,112/2,114/2,120/2,120/3,121/1 कुल रकबा 3.112 है. एवम गोयला खुर्द स्थित भूमि सर्वे नंबर 24/3 में से रकबा 0.120 है. जो शासन की अतिशेष भूमि रही है। ✅यह शासन की अमूल्य संपत्ति हैं✅ जिसका बाजार मूल्य लगभग 300 करोड़ है।✅ उक्त भूमि वर्ष 2012-13 में तत्कालीन अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा सीलिंग मुक्त किए जाने के आदेश पारित किए गए। ✅तत्कालीन अपर आयुक्त के विरुद्ध लोकायुक्त में अतिशेष भूमि में शासन विरुद्ध आदेश पारित किए जाने के संबंध में विस्तृत जांच उपरांत लोकायुक्त उज्जैन ने 25 प्रकरण पंजीबद्ध किए हैं।✅ शासन हित को दृष्टिगत रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश उपरांत दिनांक 23/07/18 को आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा पुन भूमि सीलिंग अतिशेष मानते हुए खसरे में यथास्थिति का आदेश रहा।✅
✅नारायण पिता देवाजी जो पूर्व में उक्त भूमि के धारक थे,के वारीसानो गुलाबचंद एवम अन्य द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में रिट पिटीशन दायर कर तहसील न्यायालय में नामांतरण का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था।✅ समयावधि में नामांतरण ना किए जाने पर अवमानना याचिका माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में प्रस्तुत की। माननीय न्यायालय की अवमानना याचिका एवम रिट पिटीशन में दिए गए आदेश के पालन में तहसीलदार द्वारा नामांतरण आवेदन पत्र का निराकरण 21/03/2024 को किया गया ।✅ इसका पालन प्रतिवेदन माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त अवमानना याचिका में दिनांक 03/07/2024 को माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा पारित आदेश के संबंध में कंटेंप्ट अपील दायर की गई✅ जिसमें माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर डबल बेंच द्वारा आज सुनवाई उपरांत अपीलीय आवेदन को स्वीकार करते हुए आदेश सुरक्षित रखा है ।@⚜️⚜️⚜️जनता की अदालत,, संपादक प्रमोद व्यास ,,,,,मोबाइल नंबर ,,8602526457🎧🎧

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