सिलिंग की जमीन मुक्त करने के बहुचर्चित एक मामले में शासन ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी। इस मंजूरी से कब्जेदार व तत्कालीन पटवारी की मुसीबत बढ़ गई है। हालांकि पूर्व तहसीलदार व एडिशनल कमिश्नर रमेश थेटे के मामले में कोई फैसला नहीं हुआ है।
सिलिंग की जमीन मुक्त करने पर वर्ष 2013 मेें लोकायुक्त ने करीब दो दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज किए थे। केस में आईएएस थेटे, तत्कालीन तहसीलदार आदित्य शर्मा, पटवारी मनोज तिवारी के साथ अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है। मामले में शासकीय कर्मचारी के आरोपी होने से लोकायुक्त ने अभियोजन स्वीकृति के लिए प्रकरण शासन के पास भेजा था।
डीएसपी वेदांत शर्मा ने बताया कि सोमवार को शासन ने कब्जेदार रमेश पिता राधाकिशन मामले में मंजूरी दे दी। नतीजतन दोनों के खिलाफ जल्द ही चालान पेश करेंगे। मामले में आईएएस थेटे व तहसीलदार शर्मा भी आरोपी है, लेकिन दोनों की अभियोजन स्वीकृति का मामला शासन के पास लंबित है। याद रहे रमेश ने भी सिलिंग की जमीन पर कब्जा कर लिया था।