नाजनीन के पिता को उज्जैन के डॉ पर नाज..

खुद ही को कर बुलंद इतना की ,तकदीर बनने से पहले खुदा खुद तुझसे पूछे की बता तेरी रजा क्या है…👩‍🦱 जी हां उज्जैन में एक ऐसा ही वाक्या सामने आया है… जिसमें दवा और दुआ में कितनी ताकत होती है…. इसका एक जीता जागता उदाहरण पता चलता है ..🧕.इंदौर के खजराना निवासी एक गरीब परिवार की बच्ची नाजनीन ने 12 साल पहले अपने पिता से ₹1 का सिक्का चॉकलेट के लिए मांगा था… खेलते खेलते बच्ची ने सिक्का निगल लिया और उसके गले में फंस गया ।।।।👩‍🦰परिवार वालों ने छोटा-मोटा इलाज कराया ।।।घरेलू उपाय किया और यह समझा कि सिक्का निकल गया है…. लेकिन जब बच्ची बड़े होने लगी तो उसे शारीरिक समस्या होने लगी …👲.ऐसे में धीरे-धीरे 12 साल बीत गए…. लेकिन परिवार कोई बड़ा इलाज नहीं करवा पाया …..बच्ची को कुछ दिन पहले बड़ी समस्या हुई तो चेकअप करवाया गया,,,,,जिसमें पता चला कि ₹1 का सिक्का अभी भी बच्ची के गले में फंसा है …🧕.किसी ने इंदौर निवासी इस परिवार को उज्जैन के डॉक्टर टीएस चौधरी के बारे में जानकारी दी परिवार उज्जैन आया और कंट्रोल रूम के सामने डॉ टीएस चौधरी के नर्सिंग होम पर जाकर डॉक्टर चौधरी से मुलाकात की .।🏥।डॉक्टर चौधरी ने तमाम जांच करवाई तो पता चला कि सिक्का गले में खाने की नली में सीधा फंसा हुआ है ….डॉक्टर दीपिका अग्रवाल ने एनेस्थीसिया लगाकर 20 वर्षीय नाजनीन को बेहोश किया और फिर डॉक्टर टीएस चौधरी ने बच्ची का ऑपरेशन कर ₹1 का सिक्का जो गले में फंसा हुआ था उसे निकाल दिया ….परिवार और बच्ची की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा…. पिता ने अस्पताल में मिठाई बाटी और डॉक्टर का शुक्रिया अदा किया ….🏥जब जनता की अदालत ने डॉक्टर टीएस चौधरी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि छोटे-मोटे सिक्के निकालने के मरीज तो मेरे पास आते रहते हैं …लेकिन यह केस थोड़ा अलग था… जब बच्ची 8 साल की थी तो सिक्का निगल लिया था ,,,,परिवार समझता रहा कि सिक्का निकल गया है,,, लेकिन जांच में पता चला कि सिक्का अब तक गले में फंसा था ऐसे में थोड़ा मुश्किल जरूर हुआ…. लेकिन अब उज्जैन में भी तमाम तरह की सुविधा है ऐसे में किसी बड़े शहर या इंदौर पर डिपेंड होने की मरीज को आवश्यकता नहीं है …🏥जनता की अदालत अब आग्रह करता है कि किसी भी बड़े शहर जाने की बजाय एक बार उज्जैन के ऐसे डॉ से संपर्क जरूर करे,,,,,जो कम खर्च में यही पर बेहतर इलाज कर सके।।।।।।🏥कुल मिलाकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन के निवासी है ऐसे में यहां सीएम सिटी बनने के बाद महत्वाकांक्षाएं व उम्मीद भी बढ़ गई है और उज्जैन को विकास के पंख भी लग रहे हैं…बड़े बड़े उधोग उज्जैन में लगने के बाद अब बड़े और बेहतर उपचार भी संभव होने लगे हैं। :::जनता की अदालत संपादक, प्रमोद व्यास ,,,मोबाइल नंबर 8602526457

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