उज्जैन में कोरोना संक्रमण के बीच चल रही स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल में कैबिनेट मंत्री मोहन यादव के बिगड़े बोल ने नया विवाद खड़ा कर दिया। पहले तो हड़ताली कर्मचारी मंत्री से मिलने पहुंचे तो उनसे मिलना भी उचित नहीं समझा। बाद में मंत्री ने पहुंचकर ज्ञापन लिया और मीडिया के सामने कहा कि उनको जरूरत थी इसलिए काम करने आए। किसी को जबरदस्ती थोड़ी काम पर लाया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा, हमने मंत्री जी के पिता को स्वस्थ करके भेजा था, उनके बयान से दुख पहुंचा है।
देश में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही चरमराई हुई है। स्टाफ की कमी ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को और बिगाड़ दिया था। अब मुश्किल और तब बढ़ गई जब दो दिन पहले 25 मई को 50 से अधिक अस्थाई पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष विभाग, नर्सिंग स्टाफ समेत फॉर्मेसी से जुड़े अस्थाई कर्मियों ने लामबंद होकर संविदा नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इसके कारण चरक और माधव नगर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई।