🌴उज्जैन। नई आवासीय -व्यवसाईक योजनाओ को अमलीजामा पहनाने में विकास प्राधिकरण मौजूदा हालातो में भले ही उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा हो ,बावजूद प्राधिकरण के बैंक खातों की अदला- बदली किये जाने में जरूर व्यक्तिगत रुचि दिखाई जा रही है। फाइलों पर जिसे साइन करने का समय नहीं है,वो प्रभारी सीईओ स्मार्ट सिटी से लेकर नगर निगम और प्राधिकरण तक के बैंक खातों के लिए समय निकाल रहे है। अब चर्चा है कि क्या “”प्रभारी””” रहते इतना “”भारी काम कर सकते है””?
🦜भरतपुरी स्थित विकास प्राधिकरण के प्रभारी सीईओ आशीष पाठक का यूडीए दफ्तर में कम ही जाना होता है।यहां हितग्राहियों की परेशानीयां पहले ही कम होन का नाम नही ले रही,अब तक तो जनता ही काम न होने से चक्कर काट रही थी,अब कर्मचारियों की मुसीबते भी बढ़ गई है,मकान दुकान प्लॉट बेचने वाले इस संस्थान में गड़बड़ीयो की भी फाइलों का बड़ा अम्बार लग चुका है।तमाम मसले कोर्ट कचहरी में उलझे है,दर्जन भर कर्मचारियों पर जांच चल रही है,एक दर्जन के खिलाफ आरटीआई लगी पड़ी है, उधर हालात यह है कि कार से फाइले सीईओ के घर भेजना पड़ रही है,वही दूसरी और स्वहितो के कार्य आसानी से हो रहे है।
💎आशीष पाठक स्मार्ट सिटी सीईओ होने के साथ ही नगर निगम में अपर आयुक्त की भूमिका में भी है। कलेक्टर आशीष सिंह ने कोविड -19 के दौर से लेकर निकाय चुनाव तक कई जिम्मेदारी भी पृथक से सौपीं जिससे वे थोड़ा थोड़ा वक्त सभी जगह देकर कार्य कुशलता का परिचय देने की कोशिश करते है। बावजूद विवाद इनका पीछा छोड़ने को तैयार नही है,इधर प्राधिकरण में स्थाई सीइओ की नियुक्ति नही होने से तरह तरह के घटनाक्रम सामने आ रहे है।
प्राधिकरण में करोड़ो की राशि इधर से उधर करने की तैयारी ।।।।।।।।🧢ताजा मसला इंडियन ओवरसीज बैंक और आय सी आय सी आय बैंक से जुड़ा है, इंडियन ओवर सीज बैंक यूडीए परिसर में ही स्थित है,यहाँ विकास प्राधिकरण का पिछले 50 वर्षों से अकाउंट है,अधिकारियों कर्मचारियों की सेलेरी, हितग्राहियों के प्लॉट मकान के सरकारी लेन देन भी यूडीए की आयओबी शाखा से होते है। अब चन्दा कोचर ने जिस बैंक के मार्फ़त घोटाला किया था,उस बैंक में नया अकाउंट खोलकर 20 करोड़ डाले जाने की तैयारीयां की जा रही है।
🚩इस्कॉन की खिली मुस्कान
⛩️इस्कॉन मंदिर ने हाल ही में 3 करोड़ की राशि यूडीए में जमा कराई और पुराने लेनदेन के विवादों से पीछा छुड़ाया,जब मन्दिर निर्माण के लिए जमीन खरीदी थी तो कम राशि का बखेड़ा आये दिन खड़ा हो जाता,इधर संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने जब दो दीन तक इस्कॉन में गीता सुनी तो इस ज्ञान का संचार भोपाल तक पहुँच गया,इसके बाद प्राधिकरण भी गांडीव नीचे रखकर रथ के पिछले भाग में जाकर बैठ गया।यूडीए भी इस्कॉन प्रबंधन को नोटिस दे देकर थक चुका था।अब करोड़ो की राशि जिस सरकारी इंडियन ओवर सीज बैंक में जमा है उसे निजी आय सी आय सी आय में डालने की जल्दबाजी की जा रही है।
🌐इनका कहना है——-हमने अभी सिर्फ ऑफर मंगाए हैं ,खाते बदले नही है,इंडियन ओवरसीज बैंक में ब्याज शायद कम है ,सरकारी पैसे का लॉस नहीं करेंगे। हमें लगता है की इंटरेस्ट सबसे ज्यादा है वहां अकाउंट खोलेंगे ,अकाउंट री-लोकेट करना है। यह जनहित का मुद्दा नहीं है ,एफडी उस हिसाब से ही करेंगे जहां बेस्ट ऑप्शन होंगे। ज्यादा राशि सेविंग में नहीं रख सकते।ऐसा नगर निगम और स्मार्ट सिटी में भी किया गया है ।।।।।।आशीष पाठक ,प्रभारी सीईओ,यूडीए। 📶न्यूज @जनता की अदालत…सम्पादक ,,,,प्रमोद व्यास उज्जैन,,,8602526457