नरेंद्र मोदी को फांसी देने की साजिश रचने का खुलासा

🌴प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मप्र के उज्जैन आगमन की तैयारी चल रही है,इस बीच नई बात सामने आई है,,,,, गुजरात दंगों के मामले में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने एक चार्जशीट दायर की है। 🦚यह चार्जशीट एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़, सेवानिवृत्त डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ दायर की गई है। 👀इसमें आरोप लगाया गया है कि इन तीनों ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक करियर खराब करने, बदनाम करने और कथित तौर पर उन्हें फांसी की सजा दिलाने की साजिश रची थी।💎डीआईजी दीपन भद्रन एसआईटी के प्रमुख हैं और आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) का हिस्सा हैं। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को पुष्टि की कि आरोपपत्र मंगलवार को अहमदाबाद में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर किया गया था। अहमदाबाद के मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर की गई है। 100 पन्नों की चार्जशीट में तीनों पर नकली सुबूत गढ़ने और पीएम मोदी को बदनाम करने की कोशिश का आरोप है। इसके अलावा, राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को बदनाम करने के इरादे से दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी के नाम पर याचिकाएं और आवेदन दायर करने का भी आरोप लगाया गया है।चार्जशीट में लिखा गया है कि पीड़ितों को गुजरात से बाहर अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया, जहां उनके दुख-दर्द के नाम पर चंदा इकट्ठा किया गया। इसमें यह भी कहा गया कि सीतलवाड़ और भारतीय नेशनल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मिलकर दंगा पीड़ितों के कैंप में जाकर कहा था कि गुजरात में इंसाफ नहीं मिलेगा इसलिए राज्य से बाहर कोर्ट में अपील करनी चाहिए।🌂 यह भी कहा गया कि सरकार के खिलाफ एफिडेविट दाखिल नहीं करने पर एक गवाह का संजीव भट्ट ने अपहरण तक किया था और बाद में फर्जी एफिडेविट दाखिल करवाया गया।इससे पहले जुलाई में एसआईटी ने एक चार्जशीट दायर कर आरोप लगाया था कि गोधरा की घटना के बाद दंगे भड़कने के बाद सीतलवाड़ और कांग्रेस नेता अहमद पटेल (दिवंगत), भट्ट और श्रीकुमार ने एक-दूसरे से संपर्क किया और कई बैठकें कीं। 🍁इसे लेकर अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने एसआईटी के आरोपों पर नाराजगी जताते हुए कहा था, “मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि यह अनुचित है लेकिन एक मृत व्यक्ति के नाम का उपयोग करना बहुत आसान है। वह यहां अपना बचाव करने के लिए नहीं हैं 🍁और उनका परिवार होने के नाते हम और कुछ नहीं कह सकते क्योंकि हम उनके काम में शामिल नहीं थे।” तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 468, 469, 471, 194, 211 और 218 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जून के आखिरी हफ्ते में गिरफ्तार सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 2 सितंबर के आदेश के बाद अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था।⛩️ वहीं, श्रीकुमार फिलहाल जेल में बंद हैं, जबकि भट्ट पालनपुर की जेल में हैं, जहां वह मौत के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।📶@जनता की अदालत,संपादक ,,प्रमोद व्यास।। मो.8602526457।। उज्जैन मप्र।।

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