संघमय हुआ उज्जैन… भागवत सुनाएँगे गीता….

🚩भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली में गुरु सांदीपनि आश्रम के साथ ही अब भरतपुरी महाश्वेता कॉलोनी क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर की भी स्थापना हो चुकी है ,,,🎌,जहां पूर्व विहिप नेता स्वर्गीय अशोक सिंघल भी पधार चुके हैं ,,,,,वहीं रविवार को संघ सुप्रीमो डॉक्टर मोहन भागवत ने भी इस्कॉन मंदिर में पहुंचकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन पूजन कर देश में सुख शांति की मनोकामना की ,,,,🚩इस अवसर पर मंदिर के पी आर ओ पंडित राघव दास जी ने उन्हें इस्कॉन मंदिर की गतिविधियों और आयोजनों से अवगत कराया।जनता की अदालत को मिली जानकारी के अनुसार सरसंघचालक मोहन जी भागवत मंदिर में दर्शन के लिए पधारे राघव पंडित दास और धीरगौर दास ने उनकी अगवानी की ।उनके लिए पुष्प सज्जा मार्ग में की गई तथा भक्त गण कीर्तन करते हुए उनको मंदिर मैं लेकर आए, प्रफुल्लित होकर श्री भागवत भी भी हरे कृष्ण कीर्तन करने लगे। 🚩चंदन लगाकर उनका स्वागत किया गया,,, हस्त पक्षआलन उपरांत उन्होंने नरसिंह भगवान की आरती की,,,, राघव पंडित जी ने जनता की अदालत को बताया कि इस प्रकार का विग्रह उग नरसिंह है ।जिस प्रकार गणपति विघ्न विनाशक है उसी प्रकार भगवान नरसिंह भक्ति विघ्नविनाशक हैं। तत्पश्चात उनके सिर पर भगवान के चरण को रखा गया ।🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
फिर चैतन्य महाप्रभु और नित्यानंद प्रभु की आरती की।।। राघव पंडित जी ने उनका धन्यवाद किया ,,,पँडित जी ने उन्हें बताया कि जिन्होंने उनका नाम मोहन भागवत रखा वह श्रेयकर है क्योंकि इस नाम में कृष्ण के साथ कृष्ण कथा समाहित है ।तत्पश्चात उन्होंने भक्ति काल में चैतन्य महाप्रभु के बारे में बताया कि किस प्रकार उन्होंने युगधर्म हरिनाम संकीर्तन की स्थापना की तथा उस काल की पहली घर वापसी दो विद्वान ब्राह्मण जोकि मुगल शासक हुसैन शाह के यहां वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री बन गए थे और उनका नाम भी दबीर खास और साकर मल्लिक हो गया था,,,, 🎌उनको महाप्रभु ने अंगीकार कर गोस्वामी की पदवी दी और सनातन गोस्वामी तथा रूप गोस्वामी के रूप में उन्होंने लुप्त वृंदावन को खोजा। इस प्रकार ब्राह्मण से मुस्लिम बने लोगों का पहली बार वापस अपने धर्म में लौटाने का श्रेय महाप्रभु को जाता है। चैतन्य महाप्रभु स्वयं कृष्ण है तथा राधा रानी का भाव और अंग कांति लेकर आए ,,,,,इसके बाद उन्होंने चैतन्य महाप्रभु ओम नित्यानंद प्रभु की आरती की और तत्पश्चात राधा मदन मोहन जी की आरती की ,,,फिर कृष्ण बलराम जी की आरती की,,,,,🚩,इस समय राघव पंडित जी ने बताया कि किस प्रकार इस्कान का अभ्युदय यहां हुआ ।पूर्व सीएम उमा भारती जी ने महाराज श्री को मंदिर निर्माण के लिए आमंत्रित किया था और तीन जगह बताई थी जबलपुर ओमकारेश्वर और उज्जैन ।🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
जिस दिन गुरु महाराज उज्जैन में आए उस दिन गुरु पूर्णिमा का दिन था और सांदीपनि मुनि के आश्रम में आरती में सम्मिलित हुए थे ,तब उन्होंने संकल्प लिया कि भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली से श्रेष्ठ उनकी भक्ति के प्रचार का अन्य कोई स्थान नहीं हो सकता ।इसलिए उज्जैन में ही इस्कान का मंदिर खोलेंगे। तत्पश्चात जगन्नाथ सुभद्रा महारानी और बलदेव जी की आरती की और इस्कॉन के संस्थापक आचार्य प्रभुपाद जी को माल्यार्पण कर आरती की ।🚩🚩🚩🚩🚩
राघव पंडित जी ने बताया कि समूचे विश्व में भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन होकर नाचते गाते भगवान का कीर्तन करते हुए भक्तों का समुदाय मिलता है यह श्रील प्रभुपाद जी की ही कृपा है कि भारतीय संस्कृति की पताका विश्व भर में फैल रही है । पूरे विश्व में लगभग 750 के ऊपर इस्कॉन के मंदिर है और भारतवर्ष में लगभग 331 के करीब ।फिर उन्होंने आरती की और चरणामृत प्रसाद ग्रहण किया तत्पश्चात श्री शिव भक्ति चारू स्वामी जी महाराज के समाधि स्थल का अवलोकन कर पुष्प अर्पण किया🔱🔱🔱🔱🔱। जनता की अदालत ➖संपादक➖ प्रमोद व्यास मोबाइल नंबर ➖8202526457🔱

Next Post

पापा मेरा किडनैप हो गया है?

Tue Feb 22 , 2022
✳️मंगलवार की दोपहर संघ सुप्रीमो मोहन भागवत सुरक्षा में लगी उज्जैन पुलिस तब अचानक हरकत में आ गई जब पुलिस को खबर दी गई की एक कारोबारी की 15 वर्षीय नाबालिग बालिका का अपहरण कर लिया गया‼️‼️ कारोबारी की नाबालिग बालिका के अपहरण की खबर लगते ही पुलिस एक्शन में […]